प्रधानमंत्री और मेरे घनिष्ठ मित्र आबे जी,
Distinguished delegates,
Friends,
नमस्ते!
कोन्नचिवा!
यहाँ टोक्यों में, और इससे पहले यामानाशी में और अपने घर में जिस आत्मीयता के साथ आबे सान ने मेरा स्वागत किया, उसने मेरी इस जापान यात्रा की सफलता को और भी अविस्मरनीय बना दिया है। जापान पूरब और पश्चिम की सभ्यताओं के सर्वश्रेष्ठ पहलुओं का संगम है। यह वही महान देश है जिसने सिखाया है कि मानव जाति के विकास का रास्ता पुरातन और नूतन के बीच टकराव का नहीं, बल्कि उनके सह-अस्तित्व और सृजन का है। नये का स्वागत और पुराने का सम्मान – यह जापान की विश्व सभ्यता को प्रमुख देन है। और साथ ही भारत और जापान की एक गहरी समानता भी।
Excellencies,
जापान और भारत के सम्बन्धों को हिन्द और प्रशांत महासागरों सी गहराई और विस्तार प्राप्त हैं। ये सम्बन्ध लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्रताओं के प्रति और Rule of Law के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर आधारित हैं। अपने संबंधों के आगामी विकास के लिए एक विशाल विज़न पर कल और आज आबे सान के साथ मेरी बहुत उपयोगी बातचीत हुई है। आज इस साझा विज़न पर हमने हस्ताक्षर किये हैं। कल यह हमारे भविष्य को नई रौशनी देगा। हमारे बीच पूरी सहमति है कि हम अपने सहयोग को digital partnership से cyber space तक, स्वास्थ्य से रक्षा-सुरक्षा तक और सागर से अंतरिक्ष तक, हर क्षेत्र में अबाध गति देंगे। मुझे बताया गया है कि आज जापान के निवेशकों ने भारत में 2.5 बिलियन डॉलर के नए निवेश की घोषणा की है। इससे भारत में लगभग 30 हज़ार लोगों को रोज़गार मिलेगा। इसी यात्रा के दौरान द्विपक्षीय करेन्सी स्वाप व्यवस्था पर हुई सहमति में हमारा आपसी विश्वास और हमारी आर्थिक साझेदारी की निरन्तर बढ़ती हुई नज़दीकी साफ़ तौर पर झलकते हैं।
Friends,
21वीं सदी एशिया की सदी है। लेकिन इसके रुप-स्वरुप पर प्रश्न हैं। किसका फायदा होगा, क्या करना होगा, ऐसे बहुत से सवाल हैं। लेकिन एक बात साफ है। भारत और जापान के सहयोग के बिना 21वीं सदी एशिया की सदी नहीं हो सकती। आबे सान और मैं हमारे विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच 2+2 Dialogue के लिए सहमत हुए हैं। इसका उद्देश्य विश्व में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना है। International Solar Alliance में जापान का प्रवेश, विश्व के हित में ऐसे सहयोग का एक और उज्जवल उदाहरण बनेगा।
Friends,
अगले वर्ष जापान ओसाका में G-20 Summit की मेज़बानी करेगा। अगले वर्ष रगबी World Cup भी जापान में आयोजित किया जायेगा। पहली बार यह tournament एशिया में आयोजित होगा। और फिर 2020 में Olympics ( ओलमपिक्स ) का आयोजन टोक्यो में होगा। इन सभी महत्वपूर्ण वैश्विक events के लिए, मेरी ओर से, और समस्त भारत की ओर से, हमारी हार्दिक शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
Friends,
भारत-जापान के संबंधों में प्रगति जापान की काईज़न philosophy की तरह असीम है। प्रधानमंत्री आबे के साथ मिलकर इन संबंधों को और अधिक मज़बूत बनाने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ। मैं एक बार फिर आबे सान को, जापान सरकार को और आप सबको हार्दिक धन्यवाद और शुभकामनाएं देता हूं।
दोमो अरिगातो गोज़ाईमस।
जापान पूरब और पश्चिम की सभ्यताओं के सर्वश्रेष्ठ पहलुओं का संगम है।
— PMO India (@PMOIndia) October 29, 2018
यह वही महान देश है जिसने सिखाया है कि मानव जाति के विकास का रास्ता पुरातन और नूतन के बीच टकराव का नहीं, बल्कि उनके सह-अस्तित्व और सृजन का है: PM
जापान और भारत के सम्बन्धों को हिन्द और प्रशांत महासागरों सी गहराई और विस्तार प्राप्त हैं।
— PMO India (@PMOIndia) October 29, 2018
ये सम्बन्ध लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्रताओं के प्रति और Rule of Law के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर आधारित हैं: PM
हमारे बीच पूरी सहमति है कि हम अपने सहयोग को digital partnership से cyber space तक, स्वास्थ्य से रक्षा-सुरक्षा तक और सागर से अंतरिक्ष तक, हर क्षेत्र में अबाध गति देंगे।
— PMO India (@PMOIndia) October 29, 2018
मुझे बताया गया है कि आज जापान के निवेशकों ने भारत में 2.5 बिलियन यू एस डॉलर के नए निवेश की घोषणा की है: PM
इसी यात्रा के दौरान द्विपक्षीय करेन्सी स्वाप व्यवस्था पर हुई सहमति में हमारा आपसी विश्वास और हमारी आर्थिक साझेदारी की निरन्तर बढ़ती हुई नज़दीकी साफ़ तौर पर झलकते हैं: PM
— PMO India (@PMOIndia) October 29, 2018
भारत और जापान के सहयोग के बिना 21वीं सदी एशिया की सदी नहीं हो सकती।
— PMO India (@PMOIndia) October 29, 2018
आबे सान और मैं हमारे विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच 2+2 Dialogue के लिए सहमत हुए हैं।
इसका उद्देश्य विश्व में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना है: PM
Held fruitful and extensive talks with PM @AbeShinzo.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2018
Today’s discussions focused on aspects relating to better economic ties, stronger cooperation in areas of defence and security. pic.twitter.com/jCXrx4QX7I