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વંદે માતરમના 150 વર્ષ પૂર્ણ થવા પર ખાસ ચર્ચા દરમિયાન લોકસભામાં પોતાના ભાષણના કેટલાક અંશો પ્રધાનમંત્રીએ શેર કર્યા


પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્ર મોદીએ વંદે માતરમના 150 વર્ષ પૂર્ણ થવા પર ખાસ ચર્ચા દરમિયાન લોકસભામાં પોતાના ભાષણના કેટલાક અંશો શેર કર્યા છે.

X પર એક અલગ પોસ્ટમાં શ્રી મોદીએ કહ્યું;

जिस मंत्र और जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदेमातरम् का पुण्य स्मरण हम सबका परम सौभाग्य है।

 

 

जब अंग्रेजों के राष्ट्रीय गीत को घर-घर पहुंचाने का षडयंत्र चल रहा था, ऐसे समय में बंकिम बाबू ने चुनौती दी और वंदेमातरम् का जन्म हुआ।

 

 

वंदेमातरम् ने उस विचार को पुनर्जीवित किया, जो हजारों वर्षों से भारतवर्ष की रग-रग में रचा-बसा था।

 

 

सन् 1905 में अंग्रेजों ने बंगाल के विभाजन का पाप किया, तब वंदेमातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा।

 

 

भारत माता के अनगिनत वीर सपूतों ने वंदेमातरम् गाते-गाते फांसी के फंदे को गले से लगाया था। आखिरी वक्त तक वंदेमातरम् ही उनका भावघोष रहता था।

 

 

वंदेमातरम् ने भारत को स्वावलंबन का रास्ता भी दिखाया। यह बाहरी कंपनियों को चुनौती देने का मंत्र बन गया, जिससे आजादी के मंत्र का स्वदेशी के मंत्र की तरफ विस्तार भी होता गया।

 

 

आज इसलिए यह जानना जरूरी है कि इतने महान वंदेमातरम् के साथ पिछली सदी में अन्याय और विश्वासघात क्यों हुआ…

 

 

तुष्टिकरण की राजनीति के दबाव में कांग्रेस वंदेमातरम् के बंटवारे के लिए झुकी, इसीलिए कांग्रेस को एक दिन भारत के बंटवारे के लिए झुकना पड़ा।

 

SM/GP/JD