पीएमइंडिया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज योग की परिवर्तनकारी शक्ति को दर्शाने वाले एक संस्कृत श्लोक को साझा किया। श्लोक में योग के माध्यम से आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा और समाधि के अभ्यासों से शारीरिक स्वास्थ्य से लेकर परम मोक्ष तक के प्रगतिशील मार्ग का वर्णन किया गया है।
एक्स पर अपनी एक पोस्ट में श्री मोदी ने लिखा:
“आसनेन रुजो हन्ति प्राणायामेन पातकम्।
विकारं मानसं योगी प्रत्याहारेण सर्वदा॥
धारणाभिर्मनोधैर्यं याति चैतन्यमद्भुतम्।
समाधौ मोक्षमाप्नोति त्यक्त्त्वा कर्म शुभाशुभम्॥”
आसनेन रुजो हन्ति प्राणायामेन पातकम्।
विकारं मानसं योगी प्रत्याहारेण सर्वदा॥धारणाभिर्मनोधैर्यं याति चैतन्यमद्भुतम्।
समाधौ मोक्षमाप्नोति त्यक्त्त्वा कर्म शुभाशुभम्॥ pic.twitter.com/LSdCvpV9LX— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2025
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पीके/केसी/एसएस/एसके
आसनेन रुजो हन्ति प्राणायामेन पातकम्।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2025
विकारं मानसं योगी प्रत्याहारेण सर्वदा॥
धारणाभिर्मनोधैर्यं याति चैतन्यमद्भुतम्।
समाधौ मोक्षमाप्नोति त्यक्त्त्वा कर्म शुभाशुभम्॥ pic.twitter.com/LSdCvpV9LX