पीएम्इंडिया
नवी दिल्ली, 8 डिसेंबर 2025
वंदे मातरम या गीताला दीडशे वर्षे पूर्ण झाल्याच्या निमित्ताने लोकसभेत झालेल्या विशेष चर्चेमधील आपल्या विधानांची झलक पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी शेअर केली आहे.
“वंदे मातरम या जयघोष आणि मंत्राने देशाच्या स्वातंत्र्यलढ्याला प्रेरणा आणि ऊर्जा दिली, त्याग आणि तपस्येचा मार्ग दाखवला त्याचे पुण्यस्मरण करणे हे आपल्या सर्वांचे सौभाग्य आहे”, असे एक्स या समाज माध्यमावरच्या आपल्या संदेशात पंतप्रधानांनी म्हटले आहे.
जिस मंत्र और जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदेमातरम् का पुण्य स्मरण हम सबका परम सौभाग्य है। pic.twitter.com/3ySw2KLYR8
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2025
जेव्हा इंग्रजांचे राष्ट्रीय गीत घराघरात पोहोचवण्याचे षडयंत्र सुरू होते त्यावेळेस बंकिंगबाबूंनी आव्हान दिले आणि या राष्ट्रगीताचा जन्म झाला.
जब अंग्रेजों के राष्ट्रीय गीत को घर-घर पहुंचाने का षडयंत्र चल रहा था, ऐसे समय में बंकिम बाबू ने चुनौती दी और वंदेमातरम् का जन्म हुआ। pic.twitter.com/y3iAKL3D9o
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2025
हजारो वर्षापासून भारतीयांच्या मनामनात वसलेल्या विचारांना या गीताने पुनर्जन्म दिला.
वंदेमातरम् ने उस विचार को पुनर्जीवित किया, जो हजारों वर्षों से भारतवर्ष की रग-रग में रचा-बसा था। pic.twitter.com/HZxZogDy73
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2025
भारतमातेच्या अगणित वीर सुपुत्रांनी वंदे मातरम गात गात फाशीचा दोर गळ्यात अडकवला. शेवटच्या श्वासापर्यंत वंदे मातरम हाच त्यांचा जयघोष होता.
भारत माता के अनगिनत वीर सपूतों ने वंदेमातरम् गाते-गाते फांसी के फंदे को गले से लगाया था। आखिरी वक्त तक वंदेमातरम् ही उनका भावघोष रहता था। pic.twitter.com/YphC5ocAeH
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2025
वंदे मातरम ने भारताला स्वावलंबनाचा मार्गही दाखवला. हा बाहेरील कंपन्यांना आव्हान देण्याचा मंत्र झाला.ज्यामध्ये स्वातंत्र्याचा मंत्र हा स्वदेशीचाही मंत्र झाला.
वंदेमातरम् ने भारत को स्वावलंबन का रास्ता भी दिखाया। यह बाहरी कंपनियों को चुनौती देने का मंत्र बन गया, जिससे आजादी के मंत्र का स्वदेशी के मंत्र की तरफ विस्तार भी होता गया। pic.twitter.com/cdiuf9Wy2H
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2025
एवढ्या महान वंदे मातरमसोबत गेल्या शतकात अन्याय व विश्वासघात का झाला, हे आता जाणून घेणे म्हणूनच गरजेचे आहे.
आज इसलिए यह जानना जरूरी है कि इतने महान वंदेमातरम् के साथ पिछली सदी में अन्याय और विश्वासघात क्यों हुआ… pic.twitter.com/QJcBM3a9Cc
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2025
तुष्टीकरणाच्या राजकारणाचा दबाव म्हणून वंदे मातरमचे विभाजन करण्याकडे काँग्रेस झुकली त्याचाच परिणाम म्हणून देशाच्या विभाजनासाठी काँग्रेसला झुकावे लागले.
तुष्टिकरण की राजनीति के दबाव में कांग्रेस वंदेमातरम् के बंटवारे के लिए झुकी, इसीलिए कांग्रेस को एक दिन भारत के बंटवारे के लिए झुकना पड़ा। pic.twitter.com/mrf1mw6C6x
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2025
नितीन फुल्लुके/विजया सहजराव/प्रिती मालंडकर
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जिस मंत्र और जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदेमातरम् का पुण्य स्मरण हम सबका परम सौभाग्य है। pic.twitter.com/3ySw2KLYR8
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जब अंग्रेजों के राष्ट्रीय गीत को घर-घर पहुंचाने का षडयंत्र चल रहा था, ऐसे समय में बंकिम बाबू ने चुनौती दी और वंदेमातरम् का जन्म हुआ। pic.twitter.com/y3iAKL3D9o
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वंदेमातरम् ने उस विचार को पुनर्जीवित किया, जो हजारों वर्षों से भारतवर्ष की रग-रग में रचा-बसा था। pic.twitter.com/HZxZogDy73
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सन् 1905 में अंग्रेजों ने बंगाल के विभाजन का पाप किया, तब वंदेमातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा। pic.twitter.com/zrXUW7owE6
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भारत माता के अनगिनत वीर सपूतों ने वंदेमातरम् गाते-गाते फांसी के फंदे को गले से लगाया था। आखिरी वक्त तक वंदेमातरम् ही उनका भावघोष रहता था। pic.twitter.com/YphC5ocAeH
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वंदेमातरम् ने भारत को स्वावलंबन का रास्ता भी दिखाया। यह बाहरी कंपनियों को चुनौती देने का मंत्र बन गया, जिससे आजादी के मंत्र का स्वदेशी के मंत्र की तरफ विस्तार भी होता गया। pic.twitter.com/cdiuf9Wy2H
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आज इसलिए यह जानना जरूरी है कि इतने महान वंदेमातरम् के साथ पिछली सदी में अन्याय और विश्वासघात क्यों हुआ… pic.twitter.com/QJcBM3a9Cc
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तुष्टिकरण की राजनीति के दबाव में कांग्रेस वंदेमातरम् के बंटवारे के लिए झुकी, इसीलिए कांग्रेस को एक दिन भारत के बंटवारे के लिए झुकना पड़ा। pic.twitter.com/mrf1mw6C6x
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