पीएमइंडिया
महामहिम, इथोपिया के प्रधानमंत्री,
संसद के दोनों सदनों के माननीय स्पीकर,
माननीय सदस्यगण, इथोपिया के मेरे प्रिय बहनो और भाइयो,
आज आप सबके समक्ष उपस्थित होना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य का क्षण है। शेरों की भूमि इथोपिया में होना अद्भुत है। मुझे यहां घर जैसा महसूस हो रहा है, क्योंकि भारत में मेरा गृह राज्य गुजरात भी शेरों की भूमि है।
प्राचीन ज्ञान और आधुनिक आकांक्षाओं से परिपूर्ण राष्ट्र के हृदय में, लोकतंत्र के इस मंदिर में उपस्थित होना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं आपकी संसद, आपकी जनता और आपके लोकतांत्रिक सफर के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करता हूं। भारत की 1.4 बिलियन जनता की ओर से, मैं मित्रता, सद्भावना और भाईचारे का अभिवादन लेकर आया हूं।
मैं मित्रता, सद्भावना और भाईचारे का अभिवादन लेकर आया हूं।
तेना इस्तील्लीन
सलाम
माननीय सदस्यगण,
इस महान भवन में आपके कानून बनते हैं। यहां जनता की आकांक्षा राज्य की आकांक्षा बन जाती है। और जब राज्य की इच्छा जनता की इच्छा के अनुरूप होती है, तो प्रगति का चक्र आशा और उद्देश्य के साथ आगे बढ़ता है।
आपके माध्यम से, मैं खेतों में काम कर रहे आपके किसानों से, नए विचारों को साकार कर रहे उद्यमियों से, समुदायों और संस्थानों का नेतृत्व कर रही गौरवान्वित महिलाओं से और भविष्य को आकार दे रहे इथोपिया के युवाओं से भी बात कर रहा हूं। इस अद्वितीय अवसर के लिए मैं आपका आभारी हूं।
कल, मुझे अपने प्रिय मित्र प्रधानमंत्री डॉ. अबी अहमद से ग्रैंड ऑनर, निशान ऑफ इथोपिया को प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं भारत की जनता की ओर से विनम्रतापूर्वक, हाथ जोड़कर इस सम्मान को स्वीकार करता हूं।
आम सग्नालो
माननीय सदस्यगण,
इथोपिया मानव इतिहास की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। यहां, इतिहास पहाड़ों में, घाटियों में और इथोपियाई लोगों के दिलों में जीवंत है। आज, इथोपिया अपनी गहरी जड़ों के कारण गौरवान्वित है। इथोपिया में खड़े होने का अर्थ है उस स्थान पर खड़े होना जहां अतीत का सम्मान किया जाता है, वर्तमान उद्देश्यपूर्ण है और भविष्य का खुले दिल से स्वागत किया जाता है।
पुराने और नए का यह मिश्रण… प्राचीन ज्ञान और आधुनिक महत्वाकांक्षा के बीच यह संतुलन… यही इथोपिया की सच्ची शक्ति है।
भारत में हम सभी मेडेमर यानी सहभागिता की इस भावना से भलीभांति परिचित हैं। लालिबेला के विशाल गिरजाघरों की तरह, तमिलनाडु के प्राचीन शिला मंदिर भी पत्थरों में उकेरी गई प्रार्थनाओं के समान हैं। हम भी एक प्राचीन सभ्यता हैं, जो आत्मविश्वास के साथ भविष्य की ओर अग्रसर हैं।
‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास‘ के आह्वान के साथ। मातृभूमि के प्रति हमारी भावनाएं भी हमारे साझा दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।
भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम और इथोपिया का राष्ट्रीय गान, दोनों ही हमारी भूमि को माता के रूप में संबोधित करते हैं। ये हमें अपनी विरासत, संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य पर गर्व करने और मातृभूमि की रक्षा करने के लिए प्रेरित करते हैं।
माननीय सदस्यगण,
विज्ञान ने इथोपिया में हमारी प्रजाति के कुछ सबसे प्रारंभिक पदचिह्न खोजे हैं। जब दुनिया लूसी या दिन दिन्किनेश की बात करती है, तो वे केवल एक जीवाश्म की बात नहीं कर रहे होते। वे एक शुरुआत की बात कर रहे होते हैं। एक ऐसी शुरुआत जो हम सभी की है, चाहे हम आडिस अबाबा में रहें या अयोध्या में।
भारत में हम वसुधैव कुटुंबकम कहते हैं, यानी दुनिया एक परिवार है। यह हमें याद दिलाता है कि राजनीति से परे, सीमाओं से परे, मतभेदों से परे, हमारी उत्पत्ति एक ही है। यदि हमारी शुरुआत साझा थी, तो हमारा भाग्य भी साझा होना चाहिए।
माननीय सदस्यगण,
भारत और इथोपिया जलवायु के साथ-साथ भावनाओं में भी एक दूसरे से मिलते-जुलते हैं। लगभग दो हजार साल पहले, हमारे पूर्वजों ने विशाल जलमार्गों के पार संबंध स्थापित किए थे। हिंद महासागर के पार, व्यापारी मसालों, कपास, कॉफी और सोने के साथ यात्रा करते थे। किंतु, वे केवल वस्तुओं का ही व्यापार नहीं करते थे। उन्होंने विचारों, कहानियों और जीवन- शैली का आदान-प्रदान किया। अदूलिस और धोलेरा जैसे बंदरगाह केवल व्यापार केंद्र ही नहीं थे, बल्कि सभ्यताओं के बीच सेतु भी थे।
आधुनिक युग में, हमारे संबंध एक नए युग में प्रवेश कर गए। 1941 में इथोपिया की मुक्ति के लिए भारतीय सैनिकों ने इथोपियाई लोगों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी। भारत की स्वतंत्रता के तुरंत बाद हमारे औपचारिक राजनयिक संबंध शुरू हुए।
किंतु, दूतावास स्थापित होने से पहले ही, हमारे लोगों ने मिलकर एक नया अध्याय लिखना शुरू कर दिया था। हजारों भारतीय शिक्षक इथोपिया आए। उन्होंने आडिस अबाबा, दिरे दावा, बाहिर दार से लेकर मेकेले तक के बच्चों को पढ़ाया। वे इथोपियाई स्कूलों तक पहुंचे और इथोपियाई लोगों के दिलों में बस गए। आज भी, कई इथोपियाई माता-पिता उन भारतीय शिक्षकों के बारे में स्नेहपूर्वक बात करते हैं जिन्होंने उनके बच्चों के भविष्य को आकार दिया।
जिस तरह भारतीय शिक्षक यहां आए, उसी तरह इथोपियाई छात्र भी ज्ञान और मित्रता की तलाश में भारत गए। वे छात्र के रूप में भारत गए और आधुनिक इथोपिया के निर्माता बनकर घर लौटे। मुझे बताया गया है कि उनमें से कुछ इस समय माननीय अध्यक्ष तागेसे चाफो सहित इस संसद में भी उपस्थित हैं!
उन्होंने हमारे आपसी संबंधों को मजबूत करने में भी विशेष भूमिका निभाई है। क्योंकि उन्होंने ही भारत में इथोपियाई व्यंजन का परिचय कराया। भारत में भी हम रागी और बाजरा जैसे “श्री अन्न” अनाज खाना पसंद करते हैं। इसलिए इथोपियाई टेफ का स्वाद हमें बहुत सुकून देता है। चूंकि हम भारतीय थाली का आनंद लेते हैं, इसलिए इथोपियाई बेया-नैतू भी हमें बहुत परिचित लगता है।
माननीय सदस्यगण,
आज भारतीय कंपनियां इथोपिया में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से हैं। उन्होंने वस्त्र, विनिर्माण, कृषि, स्वास्थ्य और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में पांच बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। उन्होंने पचहत्तर हजार से अधिक स्थानीय रोजगार सृजित किए हैं।
लेकिन, मुझे पूरा विश्वास है कि हम सभी इस बात से सहमत होंगे कि हमारी साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं। इसीलिए, प्रधानमंत्री डॉ. अबी अहमद और मैंने कल एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
इससे प्रौद्योगिकी, नवाचार, खनन, सतत विकास और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के माध्यम से हमारी अर्थव्यवस्थाओं की अपार क्षमता का विकास होगा। खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में सहयोग के माध्यम से हमारे लोगों के भविष्य को सुरक्षित करने में भी मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, हम व्यापार और निवेश सहयोग के साथ-साथ रक्षा एवं सुरक्षा मामलों में भी सहयोग बढ़ाएंगे।
माननीय सदस्यगण,
विकासशील देशों के रूप में, हम एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं और एक-दूसरे को बहुत कुछ दे सकते हैं। कृषि हमारे दोनों देशों की रीढ़ है। यह हमारे लोगों को भोजन प्रदान करती है। यह हमारे किसानों का भरण-पोषण करती है। यह परंपरा को नवाचार से जोड़ती है। हम बेहतर बीज, सिंचाई प्रणाली और मृदा स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
जलवायु परिवर्तन वर्षा और फसल चक्रों को प्रभावित करता है, इसलिए हम जलवायु-अनुकूल कृषि के क्षेत्र में ज्ञान साझा कर सकते हैं। दुग्ध उत्पादन से लेकर कृषि मशीनीकरण तक, बाजरा अनुसंधान से लेकर खाद्य प्रसंस्करण तक, हम सब मिलकर अपने किसानों की समृद्धि में योगदान दे सकते हैं।
माननीय सदस्यगण,
भारत में हमने एक मजबूत डिजिटल पब्लिनक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है। इसने सेवाओं के वितरण और लोगों द्वारा उन तक पहुंचने के तरीके को बदल दिया है। आज भारत का प्रत्येक नागरिक भुगतान, पहचान और सरकारी सेवाओं के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकता है। विश्व के आधे से अधिक तत्क्षण डिजिटल भुगतान अब भारत में होते हैं।
500 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के कल्याणकारी लाभ बिना किसी रिसाव या भ्रष्टाचार के सीधे करोड़ों लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंच चुके हैं। वर्ष में तीन बार, लगभग 100 मिलियन किसान एक बटन दबाने से वित्तीय सहायता प्राप्त करते हैं।
जैसे ही आप डिजिटल इथोपिया 2025 रणनीति को लागू करते हैं, हम इथोपिया के साथ अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं। और, हमें गर्व है कि आपने अपने विदेश मंत्रालय के लिए डेटा सेंटर विकसित करने हेतु भारत को विश्वसनीय भागीदार के रूप में चुना है।
माननीय सदस्यगण,
भारत को फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड यानी विश्व की फार्मेसी के रूप में जाना जाता है। कोविड महामारी के दौरान, पूरी दुनिया चिंतित थी। यह बहुत कठिन समय था। सीमित संसाधनों के बावजूद, हमने मानवता के प्रति अपना पवित्र कर्तव्य समझा कि हम दूसरों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करें।
भारत ने 150 से अधिक देशों को दवाइयां और टीके भेजे। इथोपिया को 40 लाख से अधिक टीके उपलब्ध कराना भारत के लिए गर्व की बात थी। यह हमारा सौभाग्य था कि हमने यह कार्य विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ साझेदारी में किया, जिसका नेतृत्व डॉक्टर टेडरोस ने किया, जो इथोपिया के गौरवशाली सपूत हैं और भारत में तुलसी भाई के नाम से जाने जाते हैं।
मुझे खुशी है कि फार्मास्यूटिकल से लेकर अस्पतालों तक, और पारंपरिक चिकित्सा से लेकर टेलीमेडिसिन तक, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में हमारा सहयोग बढ़ रहा है। हम अस्पतालों में नए उपकरणों की आपूर्ति से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र के पेशेवरों के क्षमता निर्माण तक, अपने स्वास्थ्य सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
माननीय सदस्यगण,
इथोपिया अफ्रीका के एक महत्वपूर्ण केंद्र में स्थित है। भारत हिंद महासागर के केंद्र में स्थित है। हम क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और संपर्क के स्वाभाविक भागीदार हैं।
इस वर्ष की शुरुआत में रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, पारस्परिक सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है। यह समझौता घनिष्ठ सैन्य सहयोग पर केंद्रित है। इसमें साइबर सुरक्षा, रक्षा उद्योगों, संयुक्त अनुसंधान और क्षमता निर्माण में सहयोग शामिल है।
मैं इस अवसर पर अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद इथोपिया द्वारा दिखाई गई एकजुटता के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं हमारे सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का इतने गर्मजोशी से स्वागत करने और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए भी आपका धन्यवाद करता हूं।
माननीय सदस्यगण,
जीवंत और विविध लोकतंत्रों के रूप में, हम दोनों समझते हैं कि लोकतंत्र जीवन का एक तरीका है, और यह एक यात्रा है। इसका स्वरूप कभी वाद-विवाद से, कभी असहमति से, लेकिन हमेशा विधि के शासन और जनमानस में दृढ़ विश्वास से निर्धारित होता है।
हमारे दोनों संविधान भी इसी भावना को प्रतिबिंबित करते हैं। भारत का संविधान “हम, भारत के लोग” शब्दों से शुरू होता है। इथोपिया का संविधान “वी,द नेशंस, नेशनलिटीज एंड पीपल्स ऑफ इथोपिया” शब्दों से शुरू होता है। दोनों का संदेश एक ही है: हमारा भविष्य हमारे हाथों में है।
आज सुबह मुझे आड्वा विजय स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह स्मारक इस बात का शाश्वत प्रमाण है कि कैसे इथोपिया की विजय ने संपूर्ण उपनिवेशित विश्व को गरिमा और स्वतंत्रता की खोज में प्रेरित किया। संघर्ष और अनिश्चितता के इन समयों में, यह इस बात का स्मरण दिलाता है कि विकासशील देशों के लोग अपने लिए खड़े हो सकते हैं।
माननीय सदस्यगण,
महात्मा गांधी ने हमें ट्रस्टीशिप की अवधारणा दी। हम इस सुंदर धरती और इसके संसाधनों के मालिक नहीं हैं। बल्कि, हम ट्रस्टी हैं जिन्हें इनकी देखभाल करनी है और इन्हें अपनी आने वाली पीढ़ियों को सौंपना है। भारत की “एक पेड़ मां के नाम” पहल में निहित ट्रस्टीशिप की भावना इथोपिया की ग्रीन लेगेसी इनिशिएटिव में भी परिलक्षित होती है।
हमारे दोनों राष्ट्र धरती माता की देखभाल में विश्वास रखते हैं। दोनों प्रकृति को वापस देने में विश्वास रखते हैं। आइए, मिलकर अक्षय ऊर्जा और हरित रोजगारों पर काम करें। आइए, आपदा-रोधी इंफ्रास्ट्रक्चर और जैव-ईंधन पर काम करें। आइए, जलवायु संबंधी न्याय के लिए एक सशक्त आवाज उठाएं। भारत, 2027 में सीओपी-32 में वैश्विक दक्षिण को सशक्त आवाज देने के इथोपिया के प्रयासों का समर्थन करने में प्रसन्न होगा।
माननीय सदस्यगण,
मुझे बताया गया है कि इथोपिया में एक कहावत है, “जब मकड़ी के जाले आपस में जुड़ जाते हैं, तो वे शेर को भी बांध सकते हैं।” भारत में भी हम मानते हैं कि मन मिलें तो पर्वत भी रास्ता दे देते हैं।
वास्तव में, एकजुटता में शक्ति है और सहयोग में सामर्थ्य है। और आज, वैश्विक दक्षिण के राष्ट्रों के रूप में, प्राचीन सभ्यताओं के रूप में, मित्रों के रूप में, भारत और इथोपिया एक साथ खड़े हैं। हम एक परिवार के सदस्यों के रूप में एक साथ खड़े हैं। हम एक ऐसे विश्व के लिए काम करते हैं जो अधिक न्यायपूर्ण, अधिक समान और अधिक शांतिपूर्ण हो।
यहीं, आडिस अबाबा में, अफ्रीकी एकता के सपनों को घर मिला। मुझे बताया गया है कि इस अद्भुत शहर की कई सड़कों का नाम अफ्रीकी देशों के नाम पर रखा गया है!
हिंद महासागर के दूसरी ओर, नई दिल्ली में, भारत को अफ्रीकी संघ को जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में स्वागत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। पिछले वर्ष, हमने ब्रिक्स में इथोपिया को पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करके एक और ऐतिहासिक कदम उठाया।
वास्तव में, मेरी सरकार के 11 वर्षों में, भारत और अफ्रीका के बीच संबंध कई गुना बढ़ गए हैं। इस अवधि के दौरान, हमने राष्ट्राध्यक्षों और सरकार प्रमुखों के स्तर पर 100 से अधिक दौरों का आदान-प्रदान किया है।
माननीय सदस्यगण,
विकासशील देश अपना भविष्य स्वयं लिख रहे हैं। भारत और इथोपिया इसके लिए एक साझा दृष्टिकोण रखते हैं। हमारा दृष्टिकोण एक ऐसे विश्व का है जहां विकासशील देश किसी के विरुद्ध नहीं, बल्कि सबके लिए आगे बढ़ें।
एक ऐसा विश्व जहां विकास निष्पक्ष हो, जहां प्रौद्योगिकी सुलभ हो, और जहां संप्रभुता का सम्मान हो। एक ऐसा विश्व जहां समृद्धि साझा हो, और शांति की रक्षा की जाए। और, एक ऐसा विश्व जहां निर्णय प्रक्रिया आज की वास्तविकता को प्रतिबिंबित करे, न कि 1945 के विश्व को। क्योंकि यदि विश्व की व्यवस्थाएं अतीत में अटकी रहेंगी तो वह आगे नहीं बढ़ सकता।
यही कारण है कि भारत ने वैश्विक विकास समझौते पर जोर दिया है। यह सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी साझाकरण, किफायती वित्तपोषण, क्षमता निर्माण और व्यापार को प्राथमिकता देगा। यही कारण है कि नवंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन में, मैंने दस लाख प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए “अफ्रीका कौशल गुणक पहल” का आह्वान किया था। यह स्थानीय क्षमताओं का निर्माण करेगा और समावेशी एवं सतत विकास की दिशा में आपके प्रयासों में सहायता करेगा।
माननीय सदस्यगण,
चाय के साथ मेरा व्यक्तिगत जुड़ाव सर्वविदित है। लेकिन, इथोपिया आकर कॉफी का जिक्र न करना नामुमकिन है! यह दुनिया को दिया गया आपका सबसे बड़ा उपहार है!
इथोपियाई कॉफी सिरेमनी में लोग एक साथ बैठते हैं, समय थम सा जाता है और दोस्ती गहरी होती जाती है। भारत में भी, एक कप चाय बातचीत करने, साझा करने और जुड़ने का निमंत्रण है। और, ठीक इथोपियाई कॉफी और भारतीय चाय की तरह, हमारी दोस्ती भी और मजबूत हो रही है!
आज, मैं बहनों और भाइयों के बीच, गहरी कृतज्ञता और भविष्य के लिए उज्ज्वल आशाओं के साथ आपके सामने खड़ा हूं। भविष्य पुकार रहा है। भारत और इथोपिया जवाब देने के लिए तैयार हैं।
माननीय सदस्यगण,
अंत में, मैं आपको वचन देता हूं कि हम बराबरी के साथ मिलकर चलेंगे। हम साझेदार बनकर साथ मिलकर निर्माण करेंगे। हम मित्र बनकर साथ मिलकर सफलता प्राप्त करेंगे।
इस संसद को संबोधित करने का सम्मान देने के लिए धन्यवाद। आपकी मित्रता के लिए धन्यवाद। आपके विश्वास के लिए धन्यवाद।
तब्बारकु
देना हुन्नु
आम सग्नालो
धन्यवाद।
***
पीके/केसी/एसकेएस/एमपी
Honoured to address the Ethiopian Parliament. Watch my speech. https://t.co/fxEZ7EAnFW
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2025
PM @narendramodi expresses gratitude for the ‘Great Honour Nishan of Ethiopia.’ pic.twitter.com/ZEj1t26IuN
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India’s national song, Vande Mataram and the Ethiopian national anthem both refer to our land as the mother. pic.twitter.com/y2zUItwpGG
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India’s Digital Public Infrastructure has transformed the way we deliver services and how people access them. pic.twitter.com/QnXWVSkJIU
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India sent medicines and vaccines to more than 150 countries. pic.twitter.com/Cec94KLC6l
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India and Ethiopia are natural partners in regional peace, security and connectivity. pic.twitter.com/a1hnVfgQjK
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Over the 11 years of my government, the connection between India and Africa has grown manifold. pic.twitter.com/ruzuhHKg8E
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The world cannot move forward if its systems remain locked in the past. pic.twitter.com/dzh5bRgQYJ
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It was a great honour and privilege to address the Ethiopian Parliament this morning. Ethiopia’s rich history, culture and spirit inspire deep respect and admiration. I conveyed India’s commitment to further strengthening our partnership, guided by shared values, mutual trust and… pic.twitter.com/pxvvvrZ083
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ዛሬ ጠዋት ለኢትዮጵያ ፓርላማ ንግግር ማድረጌ ትልቅ ክብርና እድል ነበር። የኢትዮጵያ የበለፀገ ታሪክ፣ ባህልና መንፈስ ጥልቅ አክብሮትና አድናቆትን ያነሳሳል። ህንድ በጋራ እሴቶች፣ በጋራ መተማመን እና ለሰላም፣ ለልማትና ለትብብር የጋራ ራዕይ… pic.twitter.com/S4iqBecyeE
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Delighted to have interacted with Ministers and MPs of Ethiopia after my address to the Ethiopian Parliament. pic.twitter.com/tWYd3CvM76
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